Message From Principal
संस्था का मुखिया होने के कारण में ऐसा विश्वास करता हूं कि बच्चे उर्वर भूमि पर लहलहाती हुई फसलों के समान है। किसी भी राष्ट्र की आधार शिला निर्धारित होती है।राष्ट के भविष्य की बुनियाद बच्चे होते हैं।यह उस राष्टरूपी वृक्ष की जड़े होती है।जो नई पीढ़ी को कार्य, आराधना, तथा विद्वत्ता के फल प्रदान करता है इन बच्चों को भविष्य की लम्बी राह तय करनी है। तथा राष्ट्र को सफलता के मार्ग पर ले जाना है। किसी राष्ट्र के भविष्य का आकार देने का उत्तर दायित्व तीन लोगों पर होता है। माता, पिता, एवं शिक्षक।शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।एक शिक्षक विधार्थियों, अभिभावकों तथा समाज के विश्वास का पात्र होता है और विश्वास को पूरी सत्यनिष्ठा के साथ निबाहना उसका धर्म होता है। शिक्षक अपने विधार्थियों को एक मूर्ति की तरह तैयार करता है। और उसके उज्जवल भविष्य की रूपरेखा तय करते हैं। स्कूल एक लघु दुनिया होता है जिसमें आनन्द दायक शिक्षा मिलती है शिक्षा तथ्यों को सीखना नहीं है बल्कि दिमाग को सोचने के लिए प्रशिक्षित करना है।
धन्यवाद।
NS Ajay Devi H S S
( Principal )